ओनिका सेतिया 'अनु '
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15 Sep 2021 09:20 PM
वाह अति उत्तम धन्यवाद
दर्द बढ़कर फ़ुग़ाँ न हो जाये ,
ये जमीं आसमाँ न हो जाये,
दिल में डूबा हुआ जो नश्तर है ,
मेरे दिल की जुबाँ न हो जाये ,
दिल को ले लीजिये जो लेना है,
फिर ये सौदा गराँ न हो जाये ,
आह कीजे मगर लतीफ़-तरीन ,
लब तक आकर धुआँ न हो जाये ,
श़ुक्रिया !