Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

बंद आंखों में तुम्हारा चेहरा नजर आता ,
आंखें खुली रखूँ तो यह दिल घबराता है ,
रुह में पैब़स्त तुम्हारा एहसास मुझे ज़िंदा रखता है,
दिल के दरवाजे खोलने से मुझे डर लगता है ,
श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...