तुच्छ मानसिकता के गुलाम प्राणी कितना बड़ा साहित्यकार है तू सामने बैठकर कभी कंपटीशन करना औकात पता चल जाएगी
तुच्छ मानसिकता के गुलाम प्राणी कितना बड़ा साहित्यकार है तू सामने बैठकर कभी कंपटीशन करना औकात पता चल जाएगी