तुष्टिकरण की राजनीति का नासूर , हम अभी तक भोग रहे हैं । जब तक इसे जड़ से खत्म नहीं किया जाता तब तक यह त्रासदी हम भोगने के लिए विवश होते रहेंगे। धन्यवाद !
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तुष्टिकरण की राजनीति का नासूर , हम अभी तक भोग रहे हैं । जब तक इसे जड़ से खत्म नहीं किया जाता तब तक यह त्रासदी हम भोगने के लिए विवश होते रहेंगे।
धन्यवाद !