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25 Aug 2021 07:45 PM

उस अबोध की पीड़ा को भावों की सुंदरता के संग बहुत ही बेहतरीन तरीके से रचना में पिरोया है आपने “ज्योति” जी ! जो भी घटना घटित हुई ऐसी घटनाएं भूल से भी कहीं ना दोहराई जाय तो सबके लिए ही बेहतर होगा ! बेहतरीन प्रस्तुति ! ??

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26 Aug 2021 09:06 AM

धन्यवाद ??

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