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22 Aug 2021 08:38 AM

ऑंसू के हर बूंद का हिसाब आज के युग में नहीं कोई देनेवाला ! इसीलिए जो भी हुआ, फिलहाल उसे जाने दो ! पर मन में नए-नए ख़्वाबों को आने दो ! ज़िंदगी अपना हिसाब नहीं कभी देती पर हमसे हिसाब जरूर वो मांगती ह ! इसीलिए बीते हुए कल को जाने दो ! आने वाले कल को नए स्वरूप में, नई-नई उम्मीदों के संग आने दो !!
अंतरात्मा से निकली आपकी अभिव्यक्ति ! मुझे
श्रवण में बड़ी मधुर लगती ! क्योंकि ये बड़ी सुंदर व भावपूर्ण रहती ! बहुत शुभकामनाएं….??

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22 Aug 2021 09:14 AM

बहुत बहुत आभार ????

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