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21 Aug 2021 09:02 PM

चंचल मन को यूॅं ही पूरे विश्वास के साथ खुले आकाश में अनवरत विचरण करने दें। मगर
अपना उत्साह नहीं कभी कम पड़ने दें ! जीवन में जो थोड़ा कष्ट झेल लेता है वही सच्चे सुख का एहसास सही तरीके से कर पाता है। वैसे भी सुख-दुख तो खुद के हाथ की चीज़ तो है नहीं।
और जब सुख-दुख का सम्मिश्रण है तभी तो जीवन है। इसीलिए अगर सच का सूरज कष्ट देता है तो धुंध भरे सपनों में ही जीते रहें….
पर हॅंसते रहें, मुस्कुराते रहें… शुभकामनाएं…. ??

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22 Aug 2021 12:33 AM

असीम धन्यवाद ????

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