वाह… आपकी रचना की जितनी तारीफ़ करूं वो कम है। रचना में भावों की प्रधानता है।
शब्द संग्रह होते ही उसे कविताबद्ध करने में आप माहिर हैं। मुझे लगता है कि आपने इस रचना को बहुत ही कम समय में इतनी सुंदर आवरण देने में सफल हुई हैं। कटाक्ष को बड़ी खूबसूरती से रचना में कलमबद्ध किया है आपने । अगर बुराइयां सुनने की आदत सी पड़ गई है तो फिर अपनी अच्छाइयों को भी जान लें। “तारीफ़ किस चिड़िया का नाम है, इसे अच्छी तरह, अब से जान लें । दिल में छुपे हुए दर्द को खोलती बेहतरीन अभिव्यक्ति ! सार्थक सृजन !!
वाह… आपकी रचना की जितनी तारीफ़ करूं वो कम है। रचना में भावों की प्रधानता है।
शब्द संग्रह होते ही उसे कविताबद्ध करने में आप माहिर हैं। मुझे लगता है कि आपने इस रचना को बहुत ही कम समय में इतनी सुंदर आवरण देने में सफल हुई हैं। कटाक्ष को बड़ी खूबसूरती से रचना में कलमबद्ध किया है आपने । अगर बुराइयां सुनने की आदत सी पड़ गई है तो फिर अपनी अच्छाइयों को भी जान लें। “तारीफ़ किस चिड़िया का नाम है, इसे अच्छी तरह, अब से जान लें । दिल में छुपे हुए दर्द को खोलती बेहतरीन अभिव्यक्ति ! सार्थक सृजन !!