ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
14 Jun 2021 04:30 PM
तूफान तो करोना लेकर आया था ,कितने घर बरबाद कर गया और कितनों के सिंदूर पोंछ गया ,।यह कविता उन दुखी और संतप्त विधुर / विधवाओं के लिए है ।जिनके जीवन साथी इस करोना ने छीन लिए ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
Author
14 Jun 2021 04:33 PM
हमारी कलम केवल दुखी लोगों को सांत्वना ही दे सकती है इसीलिए शांत है।
14 Jun 2021 06:22 PM
मेरे कमेंट कविता के बार में नहीं था ।आज आप की कोई रचना नहीं आ थी इंजार कर रहा था इसलिए कमेंट किया था ।
15 Jun 2021 02:49 AM
धन्यवाद।
सादर प्रणाम।
आज आपकी की कलम में इतनी शांति क्यों है?
क्या आने वाला कोई तूफान है।