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महोदया..
‘सदा कर कृपा’ नहीं, अपितु ‘कृपा सदा’..
‘रखे दृष्टि’ नहीं, ‘रखेंगे दृष्टि’..
‘माँ की धुन’ से क्या आशय है ?
–शेष कुशल। सादर।

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2 Jun 2021 11:10 AM

नवरात्रि में माँ के भजनों की भी धुन होती है सुनी होगी और यह गजल फारमेट में है सादर

पर फॉर्मेट बैलेंस्ड रहे !
सादर ।

2 Jun 2021 08:48 PM

Perfect to koe nahi
Kese hota he balanced bataye

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