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च़ाहत तो तुम्हारे ए़हसास की खुश़बू है , मुझमें ,
जो तुम्हारी मुजस्स़िम हस्ती की पहचान है ,मुझमें ,
मैं ही तुम हो , तुम ही मैं हूं ,
मैं तुम्हें अपने से जुदा कैसे कर दूं ,
तुम तो मेरे दिलो जाँ से बढ़कर रूह में पैवस्त हो,
तुम तो मेरी ज़िंदगी का एक अहम़ हिस्सा हो ,
श़ुक्रिया !

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2 May 2021 08:57 PM

वाह वाह क्या बात है । सर आपके अल्फाज सीधे सीधे मेरे हृदय पट पर दस्तक दे रहे हैं । सादर धन्यवाद ?

श़ुक्रिया !

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