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10 Feb 2021 10:02 PM

अपनेपन के लिए ही लिखा है।
जिसे हम अपना मानते है,जानते है,उसके भी हृदय में अपना पन जाग जाए,अहम भाग जाए और रिश्तों की डोर और मजबूत हो पाए।दर्द हर पल का सह लेते है।
अपनेवाले को समझाने के लिए कुछ कह लेते है।रिश्ता बना रहे अटूट अश्रु अंतर के बह लेते है।
*आदरणीय आभार प्रणाम!!

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