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??कस्तूरी सा सुंदर यह तन ,
मधुवन जैसा तेरा यौवन।
मदमस्त रसिक मधुकर बनकर,
बॉंहों में तेरी सो जाऊँ।। बहुत सुंदर सृजन आदरणीय जगदीश शर्मा जी । हमारी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें पसंद आये तो अवलोकन कर वोट भी करें ।??? मैं आपकी रचना को 18 वाँ वोट दे रहा हूँ । धन्यवाद । ?????

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