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आपकी प्रस्तुति को मैंने अपने शब्दों में प्रस्तुत किया है :

उन बीते हुए लम्ह़ों की यादों को संजोए रखा है ,
उन खूब़सूरत तरानो को भी ज़ेहन में पिरोए रखा है,
हर शाम म़हकाए रहता हूं तेरे ख़तों के फूलों से ,
गुज़ार देता हूं तन्हा हर लम्ह़ा उनकी खुश़गवार म़हक से ,
टूट कर बिखर ना सका कभी मैं तेरी जुदाई में ,
हर वक्त मुझे सहारा दिया तेरी यादों ने तन्हाई में ,
मंजिल दर मंजिल बढ़ता रहा तेरी यादों को
साथ लिए ,
तेरे साथ गुजारे महकते पलों और तरानों की सौग़ात लिए ,
ज़िंदगी को खुश़गवार बना गुज़ारने के बहाने बहुत हैं ,
हमारे पास तुम्हारे साथ गुज़ारे महकते हस़ीन लम्ह़े और तराने बहुत हैं ,

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