बहन जी, हास्य-व्यंग्य पर लिखने से इंकार नहीं है किन्तु बिना प्रमाण के ऐसी आशंका भरी कटाक्ष पूर्ण अभिव्यक्ति, तर्कसंगत नहीं प्रतीत होती, वह भी तब जब आप अध्यापन कार्य में है, कोई भी इसका निहितार्थ भिन्न भिन्न तरीके से करेगा! कुछ अनुचित लिख डाला हों तो क्षमा कीजिएगा!
बहन जी, हास्य-व्यंग्य पर लिखने से इंकार नहीं है किन्तु बिना प्रमाण के ऐसी आशंका भरी कटाक्ष पूर्ण अभिव्यक्ति, तर्कसंगत नहीं प्रतीत होती, वह भी तब जब आप अध्यापन कार्य में है, कोई भी इसका निहितार्थ भिन्न भिन्न तरीके से करेगा! कुछ अनुचित लिख डाला हों तो क्षमा कीजिएगा!