शायर देव मेहरानियां
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20 Jan 2021 08:09 PM
गुलाब की हिफाजत बस ,कांटे ही किया करते हैं
गर करें कोशिश छूने की ,तो जख्म दिया करते हैं
वैसे ही हर दर पे फरियाद करते,आपके महफूज होने की ‘देव’
और लुटा के खुशियाँ अपनी ,गम आपके, माँग लिया करते हैं ?
कोटिशः आभार जी ?
निसन्देह, आपके खुबसूरत अल्फाजों से अवश्य रुबरु होन्गे जी ? हार्दिक बधाई ??
शायर देव मेहरानियां
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20 Jan 2021 08:21 PM
आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ जी ??
शायर देव मेहरानियां
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20 Jan 2021 08:23 PM
आदरणीय जी
देर हो गई , अगली बार मेरा वोट आपका जी ?
बहोत खूब जी….?
आपके इस जादुई लेखनी को मेरा अंतस हृदय से नमन साथ ही साथ आपको आंग्ल नववर्ष की हार्दीक शुभकामनाऐं ।।
कृपया आपका भी आशिष मुझे मेरे “सहित्यपिडिया काव्य प्रतियोगिता” में शामिल “बैरी कोरोना!” नामक रचना को मिल जाये तो मैं कृतार्थ होऊँ ।। ?