सूखे गुलाब के उस तोहफे को मैंने किताब में महफूज़ रक्खा है , ये मेरे जज़्बातों की अम़ानत है जिसे मैंने आज तक संभाल के रक्खा है ,
श़ुक्रिया !
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सूखे गुलाब के उस तोहफे को मैंने किताब में महफूज़ रक्खा है ,
ये मेरे जज़्बातों की अम़ानत है जिसे मैंने आज तक संभाल के रक्खा है ,
श़ुक्रिया !