गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
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4 Dec 2020 02:32 PM
सच कहा जी आपने
पीने वाला पीना छोड़ नहीं सकता ,
छोड़ दे सारा जहां चाहे , मय़खाना छोड़ नहीं सकता ,
जबसे मय़ की तलब लगी है , ज़िंदगी बेख़ुद बन गई है,
ज़माने का खौफ़ नहीं , रिश्ते नातों का ज़ोर नहीं ,
मस्ती में चूर रहता है , बेफ़िक्र हर अलम़ से दूर रहता है,
श़ुक्रिया !