Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

जब भी चाहो एक नई सूरत बना लेते हैं लोग ,
एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग ,
कुछ हमदर्दी के , कुछ नए नेकनीयत , कुछ प्यार और वफ़ा के चेहरे ,
जिनके पीछे होते हैं खुदगर्जी , नापाक इरादे और बेवफ़ाई के बेमुरव्वत फ़रेबी चेहरे ,

श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
13 Oct 2020 09:55 PM

बहुत ख़ूब
सादर आभार?

Loading...