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6 Sep 2020 05:57 PM

यह आपकी शानदार प्रस्तुति है. आलोचना से विचलित मत होइएगा. आपके सूक्ष्म जज्बातों-विचारों को कोटिश: नमन. आपकी कविता को समझने के लिए अध्ययनशीलता और मंझी हुई सोच चाहिए. काश: लोग नागाजरुन, मुक्तबोध, शमशेर बहादुर सिंह जैसे महान रचनाकारों को भी पढ़ते!!!

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