Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

आपके सारगर्भित लेखन का स्वागत है।
हमें वर्तमान परिपेक्ष में अपनी मानसिकता में बदलाव लाने का प्रयत्न करना पड़ेगा और समाज में
सर्वजाति समभाव , सह अस्तित्व , सर्वधर्म सम्मान भावनाओं का विकास करना पड़ेगा, तथा देश के समग्र विकास में सभी वर्गों के योगदान के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए प्रयास करने होंगे।
दरअसल देश वर्तमान में विकट त्रासदी से ग्रस्त है। एक ओर कोरोना का संकट है , दूसरी ओर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं , तीसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था
निचले स्तर पर पहुंच चुकी है । अतः समस्त देशवासियों को इस संकट की घड़ी में व्यक्तिगत विवादों को भुलाकर कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट होकर देश को इस संकट की स्थिति से उबारने के लिए प्रयास करने होंगे। देश के नेताओं को भी दलगत राजनीति से हटकर सहयोग की भावना से अपना भरसक योगदान देना होगा। तभी देश का भविष्य
सुनिश्चित किया जा सकता है। हमें वास्तविकता के धरातल पर गंभीरता से इस संकट से सामना करने के लिए वातावरण का निर्माण करना होगा। तर्क कुतर्क की प्रक्रिया को छोड़कर एवं अनर्गल प्रलाप से बचकर ठोस कदम उठाने होंगे। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब हम वर्तमान स्थिति से भी बुरी शोचनीय स्थिति में पहुंच गए होंगे। हमारे लेखन में सकारात्मक भावों एवं आत्मविश्वास प्रेरक प्रस्तुतियों का समावेश होना आवश्यक है। नकारात्मक भावों एवं विवाद उत्पन्न करने वाली प्रस्तुतियों से बचना होगा।

धन्यवाद। !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...