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25 Jul 2020 12:01 PM

वर्तमान परिवेश में यह परिदृश्य सामने मुंह बाए खड़ा है, और रहनुमाओं की उदासीनता इसे ज्यादा घातक बनाने में ही सफलता ढुंढ रही है, पर करारा प्रहार इस रचना के माध्यम से हुआ है, साहसिक प्रयास के लिए बधाई!मिश्र जी

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25 Jul 2020 01:29 PM

अनंत आभार भाई

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