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कलियुग में पाप का घड़ा भर चुका है।
भरकर छलकने लगा है।
अब भी पाप रुका नहीं तो न जाने कब पाप के भार से यह घड़ा फूट जाए।
फिर तो ऐसी विनाश लीला मचे कि यह पृथ्वी जो अब तक स्वर्ग तुल्य प्रतीत होती है ,
विनाश के गर्त में डूब कर रसातल को प्राप्त हो जाए।

धन्यवाद !

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15 Jul 2020 08:19 PM

बिल्कुल इसमें कोई शक नहीं है।।।
धन्यवाद।

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