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27 Jun 2020 03:30 PM

जो कल की चिंता में ईश्वर से गिले – शिकवे गा कर उसकी मुरत को पत्थर में दर्शा रहें हैं ,
जिसने सच में है ईश्वर को महसूस किया है वो कर्मकांडो से परे कर्मो में ही खुद को समर्पित किए जा रहे हैं ।

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