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23 May 2020 11:15 PM

श्याम सुंदर जी, आज आपके द्वारा जो समीक्षा भाषा, बोली, एवं परिदृश्य आदि की विवेचना की है, वह सामान्य लोगों की समझ से परे है, किन्तु आप जैसे समालोचक इस गूढ़ रहस्य को परिभाषित करने में सक्षम हैं, यह सही है कि एक ही राज्य में विभिन्न बोली, भाषा का प्रयोग होता है, फिर भी भाषा को आधार मानकर राज्य के गठन को आंदोलन किए जाते हैं,हमारा उत्तराखण्ड इसकी मिसाल है। सुंदर प्रस्तुति है

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24 May 2020 08:21 AM

धन्यवाद

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