मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया। हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया। ब़र्बादियों का स़ोग मनाना फ़िज़ूल था। ब़र्बादियों का जश्न मनाता चला गया।
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया।
हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया।
ब़र्बादियों का स़ोग मनाना फ़िज़ूल था।
ब़र्बादियों का जश्न मनाता चला गया।