Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2020 10:19 PM

रावत जी, यही तो विडंबना है,जो लोग सिर्फ वोट बन कर रह गए हैं,उनका इस्तेमाल ऐसे ही किया जाता रहेगा, और जो नोट देते हैं, उनके लिए नोट कमाने का माहौल अनुकूल बनाया गया है,आज भी राहत में यही दिख रहा है।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
17 May 2020 10:57 PM

आज सारी की सारी व्यवस्था बिकाऊ है दोषारोपण की राजनीति करना सरल है किंतु स्वयं अपने जमीर को जगाकर प्रजा के हित मे काम करना उतना ही मुश्किल जितना सरल ac वाले रूम में बैठ कर नीतियां बनाना उन लोगों को मजदूरों के हालात का क्या पता होगा जिसने कभी गाड़ी से निकलकर तपते सूरज की आग को महसूस ही नही किया

Loading...