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इस शहर की हवा अब रास नहीं आती है।
यहां तो हर दिन झमेले हैं नहीं खुशियों के मेले हैं।
मुझे उन बीते दिनों की याद आती है।
जो मुझे ओ मेरे प्यारे गाँँव तेरे पास लाती है।

धन्यवाद !

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