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मनुष्य का व्यवहार उसमें निहित संस्कारों की देन है।
जिसके फलस्वरूप उसमें बड़े बूढ़ों का सम्मान एवं सेवा भाव का संचार होता है। यही भाव उसके चरित्र को अन्य लोगों से श्रेष्ठ बनाता है।
आपने अपने कथा माध्यम से इसे भली-भांति प्रकट करने का प्रयास किया है।
साधुवाद !

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6 May 2020 07:19 PM

इतनी सुंदर आख्या प्रस्तुत करने हेतु धन्यवाद आपका।

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