सुख की अनुभूति होने के लिए दुख का अस्तित्व भी जरूरी है। दुख की अनुभूति मानवीय संवेदना का संचार करती है। दुख और सुख एक सिक्के के दो पहलू हैं अर्थात इनका अस्तित्व एक दूसरे के परिपूरक है। सुख और दुख विवेचना की सुंदर काव्य प्रस्तुति।
धन्यवाद !
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सुख की अनुभूति होने के लिए दुख का अस्तित्व भी जरूरी है। दुख की अनुभूति मानवीय संवेदना का संचार करती है। दुख और सुख एक सिक्के के दो पहलू हैं अर्थात इनका अस्तित्व एक दूसरे के
परिपूरक है।
सुख और दुख विवेचना की सुंदर काव्य प्रस्तुति।
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