उजड़े हुए गुलशन में अब जी नहीं लगता। लौट जाना चाहता हूं सपनों की बहार में।
श़ुक्रिया !
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उजड़े हुए गुलशन में अब जी नहीं लगता।
लौट जाना चाहता हूं सपनों की बहार में।
श़ुक्रिया !