दिल ए नादान तुझे हुआ क्या है । क्यों बीते हुए लम्हों को याद करके गमजदा है । कुछ थी उनकी बंदिशें कुछ थे तेरे दायरे । कुछ हालातों ने किए दरमियानी फासले । आखिर इस मुकद्दर पर है किसका इख़्तियार । भुला दे वे बीते हुए लम्हे और खत्म कर दे ये इंतजार।
श़ुक्रिया !
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दिल ए नादान तुझे हुआ क्या है ।
क्यों बीते हुए लम्हों को याद करके गमजदा है ।
कुछ थी उनकी बंदिशें कुछ थे तेरे दायरे ।
कुछ हालातों ने किए दरमियानी फासले ।
आखिर इस मुकद्दर पर है किसका इख़्तियार ।
भुला दे वे बीते हुए लम्हे और खत्म कर दे ये इंतजार।
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