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दिल ए नादान तुझे हुआ क्या है ।
क्यों बीते हुए लम्हों को याद करके गमजदा है ।
कुछ थी उनकी बंदिशें कुछ थे तेरे दायरे ।
कुछ हालातों ने किए दरमियानी फासले ।
आखिर इस मुकद्दर पर है किसका इख़्तियार ।
भुला दे वे बीते हुए लम्हे और खत्म कर दे ये इंतजार।

श़ुक्रिया !

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