आलोक कौशिक
Author
14 Feb 2020 11:48 AM
बहुत खूब…!
शुक्रिया…✍️
आह जब दिल से निकली तो वह गीत बन गई।
चाह जब मन से निकली तो वह गीत बन गई।
वाह जब लब से निकली तो वह गीत बन गई।
हृदय के तार जब झंकृत हुए तब वे गीत संगीत बन गए।
धन्यवाद !