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जैसे – जैसे उम्र बढ़ती गई ,
कामनाएं भी बढ़ती गई ।
ऐ दोस्त ! जरूरतों को पूरा करती गई ,
और ये जिंदगी लालच के दलदल में धंसती गई ।

? धन्यवाद ?

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