सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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1 Feb 2020 10:27 PM
आभार
आभार
बीते ना बिताई रैना बिरहा की जाई रैना ।
जागी हुई अंखियों में रात बिताई रैना।
धन्यवाद !