जितना मेरे जेहन में देखा गया साहब, उतना ही प्रस्तुत किया है, मेरी कोई मंशा द्वेष फैलाने की नहीं है..ऐसा आपने एक दम सीधे सीधे कैसे सोच लिया की द्वेष फैलाया जा रहा है…परतू जैसा आज भारत में यह लोग कर रहे हैं, यह नहीं कह रहा ही सब कर रहे है, जो कर रहे है, उस से कोई भी संतुष्ट नहीं होगा। .यह आप भी जानते होंगे।
जितना मेरे जेहन में देखा गया साहब, उतना ही प्रस्तुत किया है, मेरी कोई मंशा द्वेष फैलाने की नहीं है..ऐसा आपने एक दम सीधे सीधे कैसे सोच लिया की द्वेष फैलाया जा रहा है…परतू जैसा आज भारत में यह लोग कर रहे हैं, यह नहीं कह रहा ही सब कर रहे है, जो कर रहे है, उस से कोई भी संतुष्ट नहीं होगा। .यह आप भी जानते होंगे।