सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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22 Jan 2020 09:17 PM
आभार
आभार
या ख़ुदा तेरी नेमत की मेहरब़ान थी ये ज़िंदगी।
इसलिए जिंदादिली से रहना सीख लिया।
श़ुक्रिया !