Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

दिल के गुब़ारों को अल्फ़ाज़ों मे पिरोकर कुछ लिख लेता हूं ।
कुछ लम्ह़ों के लिए अपने गम़ को भुला कर ताज़ा दम़ हो लेता हूं ।

श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
27 Jan 2020 05:10 PM

बहुत सुंदर

Loading...