सुरेखा कादियान 'सृजना'
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23 Jun 2021 06:31 PM
शुक्रिया
बहुत खूब!
दिल में जज्ब़ ग़ुब़ार जब इज़हार-ए- लफ्ज़ बनकर उभरे तब अश़आर बन गए।
श़ुक्रिया !