दिन गुजरता है तेरे खयालों में तो रात कटती है तेरे ख्वाबों में। कुछ समझ ना पाऊं किस कदर जुदा करूं खुद से तेरी यादों को। तुम तो मेरे दिलो जिगर यहां तक कि ऱूह में समायी रहती हो। श़ुक्रिया !
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दिन गुजरता है तेरे खयालों में तो रात कटती है तेरे ख्वाबों में।
कुछ समझ ना पाऊं किस कदर जुदा करूं खुद से तेरी यादों को।
तुम तो मेरे दिलो जिगर यहां तक कि ऱूह में समायी रहती हो।
श़ुक्रिया !