Vindhya Prakash Mishra
Author
9 Jan 2020 10:13 PM
आपका शुक्रिया आभार ।
सुन्दर पतंग पर कविता ।
आपकी कविता से मुझे एक पुराना गाना याद आता है । ” चली चली रे पतंग मेरी चली रे चली बादलों के पार होके डोर पे सवार सारी दुनिया यह देख देख जली रे “अभी तक पतंग पर ऐसा सुंदर गाना नहीं बना है ।
आपकी रचना भी अत्यंत सुंदर है ।
प्रयास का धन्यवाद ।