ईश्वर दयाल गोस्वामी
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8 Jan 2020 01:34 AM
बहुत-बहुत धन्यवाद व साधुवाद ।
नववर्ष आगम के यथार्थ को परिलक्षित करती आपकी ओजपूर्ण रचना सराहनीय है। पाश्च्यात्य संस्कृति के समाज मे प्रभाव के चलते हमने नववर्ष को अंग्रेजी केलैन्डर के अनुसार स्वीकार कर लिया है और हम अपने पंचाग अनुसार नववर्ष पदार्पण को भूल चुके हैं।
आपका प्रभावी लेखन इस सोच मे परिवर्तन लाने के लिये एक सार्थक प्रयास है।
शुभकामनाए्ँ !