आपके उद् गार एक तीखा प्रहार उन समस्त जनों पर है । जोअपने माँ बाप के बुढ़ापे मेंं उनकी सेवा करने से कतराते हैं । सामाजिक विसंगति पर आपकी प्रस्तुति सराहनीय है।
You must be logged in to post comments.
मैरा मन चहता हैं कि माँ बाप कभी दु:ख न दें|
आपके उद् गार एक तीखा प्रहार उन समस्त जनों पर है । जोअपने माँ बाप के बुढ़ापे मेंं उनकी सेवा करने से कतराते हैं । सामाजिक विसंगति पर आपकी प्रस्तुति सराहनीय है।