Diwakar Mahto
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28 Dec 2019 08:50 PM
क्या बोलना चाहते हैं ।मैं तुछ समझ नहीं पा रहा हूँ
तुम ही मेरी आदि और तुम्ही मेरा अंत हों !
पूर्णविराम शाँति !