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महोदय , अपने राष्ट्र का हर एक कवि राष्ट्रकवि होता है … गुप्त जी उत्कृष्ट विचारधारा के हैं , वंदनीय हैं ,
जहां तक कृलष्टता की बात है , विशुद्ध हिन्दी प्रयोग की गयी है।
जय हिन्द वन्देमातरम्

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