Akib Javed
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29 Mar 2020 11:34 AM
सादर आभार
सादर आभार
तुम क्या समझो ज़ख़्मे द़िल क्या होते हैं।
द़र्दे द़िल तो निग़ाहों से बयां होते हैं।
श़ुक्रिया !