यथार्थ को नकारकर व्यर्थ के तर्क में समय नष्ट करके जनसाधारण को निरर्थक मुद्दों में उलझा के रखने की प्रवृत्ति जिससे उनका ध्यान प्रमुख मुद्दों से हटाकर जाए। राजनितिज्ञों की चाल है। जिनका परम उद्देश्य व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति के सिवा कुछ भी.नही है।
उत्प्रेरक रचना का स्वागत है।
यथार्थ को नकारकर व्यर्थ के तर्क में समय नष्ट करके जनसाधारण को निरर्थक मुद्दों में उलझा के रखने की प्रवृत्ति जिससे उनका ध्यान प्रमुख मुद्दों से हटाकर जाए। राजनितिज्ञों की चाल है। जिनका परम उद्देश्य व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति के सिवा कुछ भी.नही है।
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