सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Author
3 Dec 2019 11:36 AM
आभार
आभार
आओ दो पल खुशी के बिता लें ।
थोड़ी सी मय़नोश़ी कर ज़माने के ग़म भुला दें ।
इज़हारे जज़्बात् का श़ुक्रिया !