सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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2 Dec 2019 10:13 PM
आभार… धन्यवाद मित्र
आज क्षोभ से भरा है देश। शर्मसार हुआ अस्तित्व विशेष। मानवता हुई तार तार समाजिकता रोती जार जार।
आपके व्यथित हृदय की पुकार अन्याय के विरूद्ध शंखनाद है।