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ज़िन्दगी के इस सफ़र में दिल से अपने ही मंज़िल तक साथ देते हैं। वरना सब हमसफ़र बन अपनी अपनी मंज़िल तरफ बढ़ जाते हैं।
शुक्रिया

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ओहो क्या बात है ।

बहुत गहरी बात की है आपने

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